नन्हे मुन्ने की सोच
नन्हे मुन्ने की सोच
चंदा मामा सो गये सूरज चाचू जागे
उन्हें देख सारे सितारे दुम दबाके भागे
रात भर धूम मचाई सितारों ने यहां
चाचू के आते ही भागे ना जाने कहां
रातरानी अब भी अपनी सुगंध फैला रही है
उसकी तो बात अलग है वह फूलों की परी है
चोर सारे अपने अपने घरों को लौट गये
क्योंकि सारे घर वाले अब नींद से जाग गये
टोकरी में ढंका मुर्गा बांग दे रहा है
रात भर जागा टॉमी चैन से सो रहा है
आलसी दीदी घोड़े बेच कर अब भी सो रही है
मम्मी मुंह पर छींटे मार मार कर उसे जगा रही है
अपनी नन्ही आँखों से यह सब देख रहा हूं
आंगन में बैठकर बड़े मजे से दूध पी रहा हूं।
