दादी माँ की दाल
दादी माँ की दाल
दादी माँ जब भी चूल्हे पे दाल पकाती थी
बाहर आता झाग ,बार बार निकालती थी।
क्यूंकी हंडी में जब भी दाल पकती थी
अपने अंदर का ऍसिड बाहर फेंकती थी।
आज घर घर में दाल कुकर में पकती है
और सभी के पेट में ऍसिडिटी बढ़ती।
घर का खाना खाकर हमारे पूर्वज रहते थे मस्त
आज कि पीढ़ी बाहर खाकर पेट विकारों से है त्रस्त।
घर का खाओ मस्त रहो अपना स्वास्थ्य बढ़ाओ
आने वाली बीमारियों को अपने से दूर भगाओ।
