बालगीत...
बालगीत...
देखो देखो हुआ सवेरा
छंट गया है अब घना अंधेरा।
आलस छोड़ अब यूं मत लेट
बिस्तर बांध अपनी चादर समेट।।
माता पिता को करो प्रणाम
झट फिर तुम कर लो स्नान।
तैयार हो अब, अपना बैग संभालो
किताब, कॉपी और पेंसिल बना लो।।
समय से पहुंचो अपने स्कूल
प्रार्थना में करो, ना कोई भूल।
कक्षा कक्ष में करो पठन
लिखो पढ़ो और करो जतन।।
मन लगा कर खूब पढ़ो
सबसे आगे तुम रहो।
खूब पढ़ो और खूब लिखो
नए कृतिमान तुम खूब गढ़ों।।
अनुशासन में जब, तुम काम करोगे
विश्व में भारत का नाम करोगे।
करो हट कर, तुम अब ऐसा काम
जग में हो जाए तुम्हारा नाम।।
