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𝔸𝕎𝔸ℕ𝕋𝕀𝕂𝔸 𝕊𝕀ℕ𝔾ℍ

Children Stories Fantasy Others

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Children Stories Fantasy Others

सुन्दर सा मुखड़ा ।।

सुन्दर सा मुखड़ा ।।

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उसका मन होता है 

तब वो आता है 

साथ निभाता है 

फिर साथ छोड़ जाता है।

उलझन में आकर कुछ पूछूं

तो बात को घुमाता है।

दूर जाना चाहूँ 

तो फिर वो प्यारी प्यारी

 बातों में फंसाता है ।

गुस्सा मैं हो जाऊँ 

तो आकर मनाता है।

लीला उसकी प्यारी है।

कृष्ण माधव सी निराली है।

हर बात पर हमारा

झगड़ा हो जाता है।

वो पास था तो 

लात बाजी भी हो जाती थी 

अव तो दूर है तो 

 बस यादे ही आती है।

सुन्दर सा मुखड़ा

प्यारी सी आँखिया

देख उसके चेहरे को

मन को सूकून आता हैं 

इस जहां में 

भाई बहन का रिश्ता

सबको भाता हैं।


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