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Padma Verma

Inspirational

4  

Padma Verma

Inspirational

" निशा माॅं "

" निशा माॅं "

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   मुस्कान है ' निशा माॅं 'अनेक घरों की 

   पहचान है' निशा माॅं 'हरेक स्वाद की ,

   है स्कूटी चलाती फर्राटे से जब आती,

   है हर रसोई घर में खुशबू तब आती ।


   ऐसे तो होता है निशा का अर्थ 'रात '

   पर ,सुबह निश्चित है रात के बाद,

  और निकल पड़ती है, 'माॅं निशा '

   जिम्मेदारी निभाने घरों की दस ,आठ ।

 

  अपार भंडार छुपा है ' माॅं 'शब्द में,  

  ममता , त्याग, तपस्या, प्रेम में 

  समाहित है माॅं जिम्मेदारी से इनमें 

  माहिर है निशा माॅं इन सब गुणों में ।


  टिफिन तैयार कर सुबह चार बजे बच्चों का अपने ,

  चलती है घरों में हाथों के स्वादिष्ट भोजन सजाने अपने ,

  पढ़ाया अपनी मेहनत की कमाई से बच्चों को अपने ,

  देखा बहुतेक अपने घर को संजोने के सपने ।


  बनवाया घर अपना पति बच्चों के लिए भी ,

  ध्यान रखा जिसमें सबकी सुख-सुविधाओं का भी ,

  बचत हो समय की, लिया स्कूटी अपने लिए भी ,

  मदद हेतु बिठाती अपनी स्कूटी पर दोस्तों को भी ।


  कोमल - कठोर का सम्मिश्रण निशा माॅं गदराए बदन की ,

  साज-सज्जा में छोड़ जातीं हैं पीछे अच्छों को भी ,

  झलक जाता है हर पर्व, त्यौहार उनके पहनावे से ही ,

  लेते हैं सलाह फ़ैशन के नजरिए से लोग उनसे ही ।


  है ' यशोदा माॅं ' .....निशा माॅं, बच्चों की ...

  हुए हैं बड़े अनेक बच्चे निवाले खाकर इनके हाथों

  की ,

  रखते हैं याद इन्हें , हैं करते बातें इनकी ,

  दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच अपनी ।


  करते हैं कद्र हमसब खूब इनकी,

  है गुज़ारिश बच्चों से भी इनकी ,

  ऑंके कमतर न माॅं को अपनी,

  पुण्य कार्य है उनकी माॅं करती 

  हैं माॅं यह समाज की, न कि सिर्फ उनकी ।

  

  किया है साबित अपने को जूझते हुए कठिनाइयों से ,

  है अंदाज जीवन को जीने का जिंदादिली से ,

  है इच्छा ऊॅंचे ओहदों पर पहुॅंचाने का बच्चों को अपनी ,

  है ईश्वर से विनती पूरी हो जाए ख्वाइश इनकी ।



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