नीर का महत्व
नीर का महत्व
पिपासा शांत करने को, गगन में जो घटा छाई।
निराशा दूर करने को, उसी ने बूँद बरसाई।
वही जलराशि बनकर ही, नदी - तालाब बनते हैं।
वही दरिया समंदर बन, जगत कल्याण करते हैं।।
बिना पानी कहाँ जीवन, तरसना तो पड़ेगा ही।
कटेंगे पेड़ सारे तो, भुगतना तो पड़ेगा ही।
चलें दरिया किनारे हम, सिसकती मीन को देखो!
तड़ागों के किनारे उस, तड़पती दीन को देखो।।
करें हम नीर संवर्धन, बनायें खाल-चालों को।
तभी होगा सुखद जीवन, सजायें ताल-पोखर को।
फलें - फूलें सभी पौधे, बचेगी साँस मानव की।
बहें नदियाँ सदा सारी, रहेगी आस मानव की।।
बनाना है सरल जीवन, सदा पानी बचायें हम।
बचाना है सहज नर तन, सभी को ही जगायें हम।
जरा सी बूँद को हम यूँ, गँवाने हम नहीं देंगे।
बिना मतलब यहाँ पानी, लुटाने हम नहीं देंगे।।