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Dr.Purnima Rai

Inspirational

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Dr.Purnima Rai

Inspirational

नील गगन में उड़े चिरैया !!

नील गगन में उड़े चिरैया !!

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नील गगन में उड़े चिरैया,देख के मनवा हर्षाया।          

रंग बिरंगे पंख सलौने,आंगन नभ का महकाया।।

बोल सुरीले पैनी नजरें ,सब को राह दिखाती थी;      

सन्मार्ग पर चले ये दुनिया,हमको हुनर सिखाती थी;     

सांझ सवेरे गोरैया ने, अपना आंचल लहराया।।          

नील गगन मे उड़ती.............................

धीरज से आगे बढ़ती वो ,मंजिल को पा जाती थी;     

सायना कल्पना टैरेसा, औ दुर्गा बन कर भाती थी;       

दीप जलाकर राष्ट्र-प्रेम का, परचम उसने फहराया।।     

नील गगन मे उड़ती.............................

आलस्य को त्याग दो सारे ,श्रम का पाठ पढ़ाती थी;   

अवगुणों में गुण हीं चुनें सब, गीत चिरैया गाती थी;.     

सात रंग से भूमि सजा के,व्योम "पूर्णिमा" चमकाया।।   

नील गगन मे उड़ती............................. 


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