नही मांगती कंगन, झुमके
नही मांगती कंगन, झुमके
नही मांगती कंगन, झुमके ना हिरो का हार प्रिये
जब उदास हो मन मेरा आँखो में आंसू आ जाये
तब आ जाना तुम पास मेरे देना बाहों का हार प्रिये
गाड़ी, मोटर, बंगले की ना चाहत है मुझको
तेरी चाहत से सजे मेरे मन मंदिर का द्वार प्रिये
सच कहती हूं इक तेरे सिवा मैं कुछ ना चाहूंगी
बस देना मुझको तुम सच्चा प्यार प्रिये!!
तन्हाई में रुसवाई से दिल मेरा भर आये तो
दुनियां के तानों से जब मन मेरा थक जाये तो
अपनी मीठी बातों से कहना मुझको जान प्रिये
अरमान तुम्हीं हर ख़्वाब तुम्हीं तुमसे ही हूं मैं
बस तुम कह देना तुम ही हो मेरी पहचान प्रिये।