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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Abstract

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Abstract

नेतृत्व की सजगता

नेतृत्व की सजगता

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अच्छे कामों को

जब सराहा

जाता है तो आगे

बढ़के उसका

सेहरा अपने

सर पे बांधते हैं

कोई बात अटपटी

हो जाय अपने

लोगों से तो हम

बेहिचक खुलके

दोष दूसरों पर

जानकर थोपते हैं !


युध्य के मैदानों में

सैनिक युध्य

कौशल दिखाने

के बाद भी

सम्मान सेनापति

को ही मिलता है

हार जाती सेन्यबल

जब समर में

धूमिल नेतृत्व का

इतिहास होता है !


देश की

उपलब्धिओं

का श्रेय गिनगिन

के जब नेतृत्व

अपनी बाहें

पसारे आगोश

में भर लेता है

पर बुरे दिन के

मंजर के एहसासों

को भला एक क्षण में

भुल जाता है !


भला ये रीत

किसको भाएगी

जो सरे आम

बाजार में

निरीह का

क़त्ल करते हैं

जब कोई

उनसे से पूछे कि

यह दोष किसका है

तो दुसरे पर यह

दोष मढ़ जाते हैं !



अपनी जिम्मेबारियों

को सफल अंदाज

से जब तक

हम ना जान लेंगे

हम नहीं इतिहास

के पन्नों को कभी

सुनहरे अक्षरों से

लिख सकेंगे !


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