नेतराम दादा की जलेबी
नेतराम दादा की जलेबी
लालम लाल बड़ी रसीली।
रोज सुबह बाबा कहते
आज जलेबी ले आएंगे।
पापा -अम्मा चाचा के संग
सब बच्चे बैठ मिल खाएंग।
प्रयाग की बनी जलेबी
भाती है सबको बड़ी।
जलेबी संग दही जो मिलती
स्वाद जलेबी का दुगना करती।
एक प्लेट में मन न भरता
माँगे भैया एक और थमाना।
ताजी -ताजी गरम जलेबी
माँ को तो बहुत सुहाती।
जब-जब खाती गरम जलेबी
खुश हो जाती प्यारी दादी।
गरम जलेबी में होता है
मस्ती भरा खजाना भैया ।
दादाजी को गरम जलेबी
खाना और खिलाना भाता।
प्रयागराज जब भी घूमने जाना
नेतराम की जलेबी खाना न भूलना।
