नेता की कुर्सी
नेता की कुर्सी
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ये है नेता की कुर्सी
चढ़ा रखी है इसने,
पावर की जर्सी।
एक दिन
हमारी कुर्सी भी
हमसे अकड़ी।
बोली क्यों नहीं
मेरे पास वो लकड़ी।
हमने कहा चुप रह पगली,
तेरी क्या औकात।
नेता जी के पास तो,
हैं कई सौगात।
तूने तो है पहनी,
आम आदमी की पोशाक
नेता की कुर्सी के पास,
है पैसों की साख़।
चुप हो गई हमारी कुर्सी,
फिर न निकली उसकी
आवाज।