नाउम्मीदी में उम्मीद
नाउम्मीदी में उम्मीद
सुख-दुख, उतार-चढ़ाव तो जीवन का हिस्सा है,
खट्टे- मीठे पलों से बना ये जीवन एक किस्सा है,
कभी कठिनाई का दौर,कभी खुशियां चारों ओर,
कभी दुख की रात अंधेरी तो कभी सुख की भोर,
जरूरी नहीं सदा हमारे अनुकूल हों परिस्थितियां,
कभी-कभी चढ़ाती ज़िदगी मुश्किलों की सीढ़ियां,
सफ़र में ऐसे ऐसे कठिन इम्तिहान लेती है ज़िदगी,
कि नाउम्मीदी के बादलों से गिर जाती है ज़िन्दगी,
पर नाउम्मीद होना तो किसी समस्या का हल नहीं,
उम्मीद पर दुनिया कायम,उम्मीद नहीं तो कल नहीं,
खुद पर विश्वास हो तो हर मुश्किल हल हो जाएगी,
नाउम्मीदी में उम्मीद की किरण ज़रूर नजर आएगी,
बस नाउम्मीदी के क़फ़स में खुद को कैद ना करना,
एक हार से ज़िंदगी खत्म नहीं होती यह याद रखना,
आसपास होती है उम्मीद मन की शक्ति से पहचानना,
बंद रास्ते भी खुल जाएंगे बस कभी हिम्मत न हारना।