नारी
नारी
नारी तू है जल सी कोमल
तुझमें छुपी है माँ की ममता
नारी तू है जल सी संहारक
तुझमें शक्ति सी है दृढ़ता
नारी तू है जल सी पावन
तुझमें अहिल्या सी सहनशीलता
नारी तू है जल सी निश्छल
तुझमें सीता सी शीतलता
नारी तू है जल सी धारा
बहती रहती समय समान
नारी तू है जल सी गहरी
तुझमें छुपा प्यार का भण्डार
नारी तू जल सी अनिवार्य
तेरे बिना घर ना बनता मकान
नारी तेरी जल सी रहमत
तू देती है सबको सम्मान।