नारी तुम
नारी तुम
जीवन में शुभता के संदेश -सी,
तुम स्वस्तिक बन सौभाग्य जगाती हो।
अपनी पहचान भूल कर तुम,
सबके भाग्य जगाती हो।।
जीवन में शुभता के संदेश -सी,
तुम स्वस्तिक बन सौभाग्य जगाती हो।
अपनी छुअन से,
जीवन की पीड़ा -थकान मिटाती हो।
अपना मन भारी ..कितना हो।
मुस्कुरा कर सबका मन हलका कर जाती हो।।
जीवन में शुभता के संदेश -सी,
तुम स्वस्तिक बन सौभाग्य जगाती हो।
नही देते जो सम्मान तुझे
तुम उनका सौभाग्य ले जाती हो।
एक रूप हो कर भी...फिर
चारों दिशाओं में भटकाती हो।
जीवन में शुभता के संदेश -सी,
तुम स्वस्तिक बन सौभाग्य जगाती हो।