नारी तेरी महिमा
नारी तेरी महिमा


सृष्टि के सृजन करता ने,
रचीअपनी रचना खूबसूरत
संपूर्ण जगत का आधार,
शक्ति स्वरूपा नारी अद्भुत।
अर्धनारीश्वर का श्रृंगार,
धैर्य, त्याग, ममता की मूरत नारी
मां, बहन, बेटी, पत्नी,
बन संवारे गृहस्थी सारी।
रिश्ते नाते निभाने सारे,
रफू, पेबंद, तुरपाई करती नारी
त्याग, तपस्या, सहनशीलता की मूरत,
संस्कारों की मिसाल नारी।
प्रथम पाठशाला मां मानव की,
जन्मदायनी, पालनहारी नारी
खामोश पलकों में छुपाती,
सौ दर्द जमाने के नारी।
आज नारी ना अबला ना बेचारी,
नभ में भर रही उड़ान यह नारी
असीम शक्तियों से भरी,
धरती का आधार है नारी।