नारी क्या है
नारी क्या है
नारी क्या है
नारी भगवान राधे कृष्ण के द्वारा स्वर्ग से उतारी गई वह देवी है।
जो सिर्फ अपने कर्तव्य पालन से बंधी हुई है।
नारी ने हमेशा बच्चो का सही मार्ग दर्शन किया है।
नारी ने हमेशा अपने उन बच्चो को भी गले से लगाया है।
जो अपने जीवन में असफल रहे।
नारी मात्र नारी नही अपितु ज्ञान का सागर है।
नारी दया की मूर्ति है. नारी शक्ति स्वरूपा है।
नारी अनेको भावना से भरी पड़ी है।
नारी जहा प्रेम की देवी है। वही नारी ममता की छांव है।
नारी दो घर के बीच का पुल है। नारिब्दो घरों का सम्मान है।
नारी दो घरों के बीच आस्था है, विश्वास है।
नारी दो घर की पहचान है। नारी बस तू ही महान है।
नारी तुझे लेखक मान सिंह नेगी का प्रणा है।
नारी जहा शिक्षक है, वही नारी चिकित्सक भी है।
नारी जहा भूखी रहकर घर के सदस्यों को कहती है।
मुझे आज भूख नहीं है। वह सिर्फ और सिर्फ मां रूपी नारी ही कह सकती है।
नारी की घर में इस व्यवस्था को कोई समझ नही पाया है।
नारी बैंकर भी है जो घर में छोटी छोटी बचत करके
घर की खुशियों और आपातकालीन स्थिति से उबारती है।
नारी ही है जो घर को स्वर्ग बनाती है। जहा नारी का होता सम्मान है।
उस घर में खुशियों का वास होता है।
नारी अन्नपूर्णा भी है, जो अपने घर के या अतिथियों के
सत्कार से सबका दिल जीत लेती है।
नारी राजमिस्त्री भी है जो मकान को घर बनाती है।
वह घर की व्यवस्था ऐसे करती है।
जिससे सबको आसानी से अपनी अपनी वस्तुएं मिल जाय।
नारी को भगवान तुल्य इसलिए भी कहा गया है।
क्युकी वह घर में सबकी मनोकामना पूरी करती है।
नारी शक्ति तुम्हें शत शत प्रणाम।
