शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
आज वास्तव में हमें भगवान राधे कृष्ण की कृपा प्राप्त हुई है।
जिसके कारण आज हमारी लेखनी रुकने का नाम नहीं ले
रही।
वह आज दृढ़ संकल्प है एक दिन x 24 घंटे लिखने के लिए।
आज 5 सितंबर 2021, शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता
है।
हम यह नहीं कहते शिक्षक के बिना हमारा जीवन हमारा
भविष्य उज्जवल बन सकता है।
परंतु हम यह कहते हुए गुरेज नहीं करते।
हम अपने अनुभव के आधार पर कई पुरानी परंपराएं तोड़ देना
चाहते हैं।
हम कई पुराने नियम बदल देना चाहते हैं। जहां हमे महसूस
होता है। आज के दौर में यह सत्य नहीं है।
पता नहीं आप सब हमारे विचारों के बारे में क्या सोचेंगे।
परंतु हमें इतना इल्म है आज संपूर्ण देश शिक्षक दिवस मनाने
के लिए बाध्य होगा।
परंतु हम आपको बता दें मां से बड़ा कोई शिक्षक नहीं हो
सकता।
मां से बड़ा विशाल हृदय किसी का नहीं हो सकता।
मां आपकी हो यहां हमारी मां से बड़ा कोई नहीं हो सकता।
जहां मां हमें बहुत सा ज्ञान देती है। वही पिता उसे व्यवहारिक
ज्ञान देता है। जहां मां उंगली पकड़कर चलना सिखाती है।
वही पिता हमें संघर्ष करना सिखाता है।
जहां मां जीवन देती है वही पिता जीविका कमाने का हुनर
सिखाता है।
जहां मां यह ध्यान रखती है तुम भूखे ना रहो। वही पिता
सिखाता है भूख की कीमत क्या होती है।
जहां मां तुम्हें गिरने से बचाती है। वही पिता गिरने पर सिखाता
है, उठो खड़े हो हिम्मत मत हारो।
जहां मां चलना सिखाती है वही पिता जीवन को किस प्रकार
चलाना है वह सिखाता है।
जहां मां अपने अनुभव से सिखाती है। वही पिता सिखाता है
अपने अनुभव से स्वयं सीखो। मां सिखाती है आदर्शवादी बनो।
वही पिता प्रतिबिंब होता है, अच्छे व्यवहार का सत्यता का
सच्चाई का।
मां तुम्हें जन्म से ही प्यार करती है। दुलार करती है तुम्हारी
रक्षा करती है।
वही पिता का प्यार तब महसूस होता है। जब आप और हम
स्वयं पिता बनते हैं।
आपने संदेश भेजा माता-पिता के बाद शिक्षक ही वह व्यक्ति है।
जो आपके सफल एवं बेहतर भविष्य की कामना करता है।
आपकी बात सत्यता पर आधारित है। परंतु इसमें भी हमें यह ध्यान देना होगा। शिक्षक बच्चों के भविष्य बनाने के लिए
मेहनताना वसूल करता है।
जबकि माता-पिता ता उम्र बच्चो को बेहतर एवं उच्च शिक्षा देते
रहते हैं।
पिता से बढ़कर कोई मित्र नहीं हो सकता। यह बात हम
इसलिए कह रहे हैं।
क्योंकि पिता स्वयं चाहता है मेरा बेटा मुझसे आगे निकल जाए।
मेरा बेटा या मेरी बेटी वास्तव में सफलता के उस मुकाम को
छुए। जहां उन्हें देखने के लिए उनकी सफलता के लिए लोगों
को सिर उठाकर देखना पड़े।
हम जानते हैं माता-पिता ता उम्र बच्चों के भीतर उच्च शिक्षा
देते रहते हैं।
हमें माफ कीजिएगा यदि हमारी कलम ने कुछ गलत शब्दों का
इस्तेमाल किया हो।
या हमारी कलम ने किसी का दिल दुखाया हो।
