नारी को छोटा मत समझो
नारी को छोटा मत समझो
नारी को छोटा मत समझो, कमजोर शीशा मत समझों
वो एक पत्थर की शिला है, नाजुक दीवार मत समझों
शीश काट पति को देती है, सहजकंवर की दहाड़ समझो
नारी को छोटा मत समझो, इसे दीप की ज्योति समझो
मर्दों पर ये भारी पड़ती है, लक्ष्मीबाई की पुकार समझो
यमराज से भी लड़ जाती है, सावित्री का चमत्कार समझो
नारी को छोटा मत समझो, शोलों में शबनम समझो
नारी तो अमृतदायिनी है, इसे ख़ुदा का रूप समझो।