नारी की शक्ति
नारी की शक्ति
बहुत सोचा मर्दों ने हम मनमानी करते जाएंगे,
औरतों को अपने पैरो की धूल बनाकर मसलते जाएंगे।
पर अब नारी की शक्ति के आगे सब ने नतमस्तक कर दिया,
जिसने आज तक औरतों को जकड़ कर रखा था।
अब इतनी ताकतवर है यह नारी शक्ति,
कि सबको अब ललकार रही है।
अब समाज के पुरुषों की नारी ने कर दी है छुट्टी,
अब समाज की सभी बेड़ियों को तोड़कर स्वतंत्रता में सांसे लेती है।
औरत ने ही जनम दिया मर्दों को और वही तानाशाही करते हैं,
पर अब और नहीं अब और नहीं।
हम तो आकाश में स्वतंत्र पंछियों की तरह अब हम सब उड़ जाएगी,
और तुम सब हाथ मलते रह जाओगे।
हमने समाज की कुरीतियों की जंजीरों को अब तोड़ दिया है,
अब हम को तुम नहीं कैद नहीं कर सकते।
