नानी माँ ...
नानी माँ ...
नाम है आपका
श्रीमती अपर्णा भौमिक ;
स्थाई ठिकाना है
साहित्यरथी बेजबरुआ पथ ,
रांगापाड़ा, शोनितपुर (असम) ...
नानी माँ, आपने
अपना सारा जीवन
अपने संतानों की
सुख-सुविधा हेतु
खुशी-खुशी न्यौछावर किया ...
आज आप वयोवृद्ध हैं,
फिर भी आपकी
आत्मशक्ति एवं सांगठनिक शक्ति --
जो आपने अपने
विशाल परिवार की
भरण-पोषण हेतु
अत्यंत संघर्षमय एवं
कंटकाकीर्ण जीवन-पथ से
सकुशल गुज़रते हुए
इतने साल जो बिताए ...
गृह क्लेश -- ज्येष्ठ पुत्र से
आजीवन विरोधाभास एवं अंतर्द्वंद्व ...
घात-प्रतिघात, मन-मुटाव और
अव्यक्त व्यथा-कथाओं में
बस डूबा हुआ है
आपका विशेष जीवन ...!!
अब आपको भी
आराम की ज़रूरत है, नानी माँ !!!
ईश्वर आपको
इस जीवन में अब
आपके हक़ का
वो अवशिष्ट
सुखमय जीवन-धन
आशीर्वाद में दें ...
यही दुआ करता हूँ मैं ...!!!
आप जहाँ, जैसे भी रहें,
बस सुख-शांति एवं
मंगलमय जीवन-धन से
परिपूर्ण रहें...
क्योंकि आप ही भौमिक परिवार की
कल्पतरु-सा विराजमान हैं !!
आप धन्य हैं, नानी माँ !!!
आपकी मुस्कुराहट इस संसार की
सबसे बेशक़ीमती दौलत है,
जिस पे इस जहाँ भर की
दिखावे की दौलत भी
कुर्बान है !!! कुर्बान है !!! कुर्बान है !!!
