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SOURABH SINGH

Romance

3  

SOURABH SINGH

Romance

नाजुक़ हाल था उसका

नाजुक़ हाल था उसका

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चाहत थी मेरी

गुरूर था उसका

तन्हाई थी मेरी

सुकून था उसका।


शिकायतें थी मेरी

समाधान था उसका

ज़ंजीरें थी मेरी

नाज़ुक हाल था उसका।


काबिलियत थी मेरी

एहसान था उसका

ऐसी ज़िन्दगी थी मेरी

जिसमें मैं प्यार था उसका।


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