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डॉ मंजु गुप्ता

Inspirational

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डॉ मंजु गुप्ता

Inspirational

मुक्तकों में हिंदी दिवस उत्सव

मुक्तकों में हिंदी दिवस उत्सव

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हिंदी दिवस स्पर्धा नहीं, उत्सव है 

स्पर्धा हेतु

मुक्तकों में हिंदी दिवस उत्सव 


 गर्व से हिंदी में सिखाती हूँ

 शान से हिंदी में पढ़ाती हूँ 

आजीविका भी हिंदी से जुड़ी 

हिंदी को ओढ़ती - बिछाती हूँ ।

 सुरवाणी से जन्मी है हिंदी,

 है यह देश के भाल की बिंदी,

राष्ट्र संघ ने भी महिमा जानी

भारतवासी की भाषा हिंदी

 है हिन्दी युगों से महारानी,

 जन - मन - गण के भावों की रानी 

वीणावादिनी की वंदना बन  

गूँजे है कवि-उर में पटरानी।

कर ले प्रतिज्ञा देशवासी आज,

करें हम हिंदी में सारे काज,

 डिजिटल युग में यह फल-फूल रही

जाने हम इसकी शक्ति का राज

 यहाँ हर भाषा का है सम्मान

विविधताओं से देश है महान,

 विभिन्न भाषा ' ओ ' बोली इसकी 

 बना हिंदी से  है हिन्दुस्तान

अश्क - मुस्कान की भाषा हिन्दी,

जोड़े है सब प्रान्तों को हिंदी,

भारत की राजभाषा बनी पर 

अभी न बनी राष्ट्र भाषा हिंदी

रुढ़ियाँ तोड़े कबीर की हिन्दी,

तुलसी के मर्यादा की हिंदी,

जिसको लिख - गाकर मीरा नाची

है सूर के गोपाल की हिंदी

हिंदी विश्वबन्धुत्व की रोली,

 सीधी, सहज, सरल, भाषा बोली,

 वैज्ञानिक कसौटी पर है खरी 

वर्णमाला, लिपि, व्याकरण, बोली

हिन्दी हिन्दुस्तान की पहचान, 

 है वैश्विक बाजारों की जान, 


विज्ञापनों से आगे निकल रही , 

है भारतीय संस्कृति की शान  

  है आजादी की सहायिका ये,

 चित्रपटों की महानायिका ये,

 संचार क्रान्ति के गूगल युग में

 बात - संप्रेषण की नायिका  ये

१०

न मनाएँ हर साल ' हिंदी दिवस '

हर दिवस को माने ' हिंदी दिवस ',

पूरा करें गांधी का संकल्प 

तभी होगा सार्थक हिंदी दिवस  

१०


कर ले प्रतिज्ञा देशवासी आज,

करें हम हिंदी में सारे काज,

डिजिटल युग में यह फल-फूल रही

जाने हम इसकी शक्ति का राज।


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