मुक्तक : सावन सा प्यार
मुक्तक : सावन सा प्यार
इन सांसों पर, धड़कनों पर सिर्फ तुम्हारा अधिकार है
तुम्हारे होने से जज्बातों को लग जाते पंख बेशुमार है
तुम्हारी एक मुस्कान मदमस्त भोर सी प्यारी लगती है
बड़ी बड़ी आंखों से बरसता छम छम सावन सा प्यार है।

