मुक्तक मेरे
मुक्तक मेरे
१-
दर्द सीने में छुपाए घूमते हैं
यादों को तेरी अपना बनाए घूमते हैं
खुश रहने के बहाने अब नहीं मिलते
तस्वीर तेरी लेकर जमाने घूमते हैं।
२-
मिल जाए प्यार तेरा तो अच्छा होता
अजनबी भीड़ में दोस्त पुराना सच्चा होता
बेशक तू नहीं अब जिंदगी में मेरे
पर दीवाना तेरा ही होता तो अच्छा होता।
३-
तेरे ना होने का गम सताता है
भीड़ में भीड़ होने का डर सताता है
अब तन्हा मुझे यूं छोड़कर तू नाजा
ये दिल ख्वाबों में तुझे ही पुकारता है।
४-
पहले वो मुस्करा के हमसे बात करते हैं
आंखों आंखों में नज़रे हमसे चार करते हैं
जमाने की हवा उनको कुछ यूं लगी
इकरार करते करते अब इंकार करते हैं।
५-
तुम अक्सर जब मौन रहती हो
ख्वाबों ख्यालों में मेरे सपने ही बुनती रहती हो
अब जब बहुत दूर जा चुका हूं मैं तुमसे
मेरी पुरानी चिठ्ठियों को बस चूमती रहती हो।
