मुक्तक : बेवफा मुहब्बत
मुक्तक : बेवफा मुहब्बत
ये ना सोचो कि मुहब्बत में यार से क्या मिला
खुशी या आंसू मुकद्दर है किसी से क्या गिला
रूहानी इश्क वाले कभी शिकायत नहीं करते
बेवफाई भी कुबूल है समझेंगे है उसका सिला।
ये ना सोचो कि मुहब्बत में यार से क्या मिला
खुशी या आंसू मुकद्दर है किसी से क्या गिला
रूहानी इश्क वाले कभी शिकायत नहीं करते
बेवफाई भी कुबूल है समझेंगे है उसका सिला।