STORYMIRROR

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance

2  

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance

मुक्तक : बेवफा मुहब्बत

मुक्तक : बेवफा मुहब्बत

1 min
41

ये ना सोचो कि मुहब्बत में यार से क्या मिला

खुशी या आंसू मुकद्दर है किसी से क्या गिला

रूहानी इश्क वाले कभी शिकायत नहीं करते

बेवफाई भी कुबूल है समझेंगे है उसका सिला। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance