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Kamini sajal Soni

Abstract

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Kamini sajal Soni

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मुझे संभालना सजन

मुझे संभालना सजन

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मन भटक न जाए राहों में

मन खो ना जाए उलझन में।

मुझे संभालना सजन

उन उलझे पलों में।


यह चाहत है आपकी

जो दुनिया से बेगाने हुए।

यह उल्फत है आपकी

जो खुद से अनजाने हुए।


मुझे थाम लेना सजन

उन अनजानीं राहों में


कुछ रस्में निभाना है

कुछ वादे निभाना है।

इस दुनिया की रीत रस्मों को

तन मन से निभाना है।


हर रीत सीखा देना सजन

अपने घर आंगन में।


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