मुझे खबर नहीं
मुझे खबर नहीं
ये क्यूँ है दीवानगी मेरे सर, मुझे खबर नहीं,
अब यहाँ से जाऊँ किधर, मुझे खबर नहीं।
मैं रूठा हूँ ये बात हमारे आपस की थी,
कैसे फैली ये ख़बर, मुझे खबर नहीं।
देखा नहीं आज तक उसके सिवा किसी और को,
उससे ज्यादा कौन है सुन्दर, मुझे खबर नहीं।
बस उन्हीं की आँखों से नशा किया है हमने,
शहर में कहाँ है मधुशाला, मुझे ख़बर नहीं।
हमने दूर से ही देखा था की आग लगी थी,
अब किस किस का जला घर, मुझे खबर नहीं।
जो डूबा होगा उसी ने जाना होगा शायद,
ये कितना गहरा है समंदर, मुझे खबर नहीं।
भरी उड़ाने ऊँची-ऊँची ख्वाबों में अभी,
जागते ही कहाँ गए "पर", मुझे खबर नहीं।