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सोनी गुप्ता

Abstract

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सोनी गुप्ता

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मुहावरों वाली रचना

मुहावरों वाली रचना

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कल रात यमराज हमें मिल गए हमें देखते ही ख़ुशी से खिल गए

देख यमराज को हम बहुत ही घबराए और थोड़ा सा हिचकिचाए


चित्रगुप्त बोला महाराज इस बालक को हमें यमलोक ले जाना है

इस बालक के जीवन का कार्यकाल अब तो यहीं समाप्त होता है


बातें तो ऐसे कर रहे थे जैसे सिर्फ हमें ले जाने की ताक में बैठे थे

उनकी बातें सुनकर हमने शुरू कर दिया जोर से रोना –धोना


यमराज जी हमें देखकर बोले पड़े सुन बच्चा व्यर्थ ही तू रोता है

ये मनुष्य जीवन तो क्षणभंगुर है जो यहाँ आता है वो जाता भी है


हमने कहा हे प्रभु ! आप हमारी ही ताक लगाये क्यों बैठे हैं ?

आप यमलोक से इस पृथ्वी पर आये हैं तो मेहमान हमारे हैं


थोड़ा जलपान कर प्रस्थान करें हमें ले जाने का ख्याल मन में न धरें

यमराज ने अपना गदा घुमाया हम जोर से चिल्लाए बचाओ बचाओ


आँखें खुली तो खुद को बिस्तर पर पाया ये तो हमें स्वप्न था आया ! 


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