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राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Inspirational Others

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राहुल द्विवेदी 'स्मित'

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मत्तगयंद सवैया ३

मत्तगयंद सवैया ३

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दग्ध भई  धरती जबसे  सब ज्ञान का  सार  विसारन  लागे ।

नीति -अनीति व धर्म -अधर्म विसार सभी  मति मारन लागे ।

वेद- पुराण- कुरान -अजान व कर्म का  मर्म  अकारन लागे ।

राज व काज अकाज नहीं सब माल व हाल सुधारन लागे ।।



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