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V. Aaradhyaa

Inspirational

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V. Aaradhyaa

Inspirational

मत तौलो धन, ऐश्वर्य व मान को

मत तौलो धन, ऐश्वर्य व मान को

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जीवन सफल हुआ तो ये मन हुआ सुदीप्त ,

अपनी लोभ लालसा में डूबनेवालों को देखो,

आज मानव हुआ कैसे निज स्वार्थ में लिप्त ,

वह क्या जानेगा भला इस आत्मा का प्रदीप्त !


मत तौलो अपने धन, ऐश्वर्य और सामान को ,

दिल में चोट ना पहुँचाओ किसी भी इंसान को,

अपने ज्ञानचक्षु खोल देखने की कोशिश करो ,

औ पहचान लो हर इंसान में छुपे भगवान को।


रिश्ता चाहे दिल का हो या जन्म से सहोदर का,

हर रिश्ता हकदार है आपके मान व आदर का !

जो स्वार्थी हैं, उनके लिए सदा प्रस्तुत मत रहना,

ज़ब रिश्ता रिसने लगे, उसे छोड़ आगे बढ़ जाना !


मत गिनाओ अपने वेतन भत्ते, और सुविधाएं ,

मत गिनाओ अपनी प्रतिभा से प्राप्त पुरस्कार,

अपनों को तमाम कमियों और खूबियों के साथ,

सहर्ष करो सदैव ही अपने हृदय तल से स्वीकार !



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