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jaya sharma

Inspirational Others

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मृत्यु के सपने

मृत्यु के सपने

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कर ली तैयारी चलने की ,

पाथेय साथ में लिया भी है।


गठरी में कुछ जोश भर लिया,

संग में जूनून का दिया भी है।


कंधे पर दायित्व लाद कर,

पूँजी श्रम रुपी रख ली है।


संदेह को पीछे छोड़ चली,

अपनी दृढ़ता परख ली है !


है कठिन मार्ग दुर्गम पथरीले,

ज्ञाम मुझे इस तर्क का है।


पर गुरुदेव का मर्म स्मरण है,

विश्वास मुझे उस अर्क है।


करली है मज़बूत नीवं अब,

निर्माण गेह का करना है।


अब तक जो खली हाथ रही,

अब सपनो का आँचल भरनाहै।


अब अवसर है मर मिटने का,

यह कार्य सिद्ध करवाना है।


विजय पताका है हाथों में,

नभ में उसे फहराना है।


रक्त पसीना एक हो चाहे,

अब कोसो ऊपर जाना है।


जो आसमान आँखों में है,

उसे कदमो के नीचे लाना है।


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