STORYMIRROR

MULA VEERESWARA RAO

Romance

2  

MULA VEERESWARA RAO

Romance

मृग तृष्णा

मृग तृष्णा

1 min
60

रात भर स्वप्नों की शम्मा जलती है,

यादों की लहर में तेरे रूप की जहाज चलती है,

इंतजार में युग गुजरना जारी है,

फिर भी मेरा तृष्णा

मृगतृष्णा हो रही है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance