मृग तृष्णा
मृग तृष्णा
रात भर स्वप्नों की शम्मा जलती है,
यादों की लहर में तेरे रूप की जहाज चलती है,
इंतजार में युग गुजरना जारी है,
फिर भी मेरा तृष्णा
मृगतृष्णा हो रही है।
रात भर स्वप्नों की शम्मा जलती है,
यादों की लहर में तेरे रूप की जहाज चलती है,
इंतजार में युग गुजरना जारी है,
फिर भी मेरा तृष्णा
मृगतृष्णा हो रही है।