STORYMIRROR

Baman Chandra Dixit

Inspirational

4.5  

Baman Chandra Dixit

Inspirational

मोती को पारस

मोती को पारस

1 min
338


आ तेरे डैने में एक और पंख जड़ दूँ

तेरे हौसलों की उड़ान में तेजी जोड़ दूँ

करो हिम्मत बढ़ो आगे निर्भय निरंतर 

साथ हूँ हरदम तुझे ये तसल्ली दिला दूँ।।


हार से हार जाता जो जीत नहीँ सकता

हार को हराता जो जीत हासिल करता

हारा हूँ बार बार मगर अब भी हारा नहीं

हार का तजुर्बे से तुझे जीतना सिखा दूँ।।


तकनीकी तालीम तेरी कम नहीँ लेकिन

गलत नीति के आगे बेबस है तालीम

आज तो पीतल भी कसौटी पे खरा

मोती की माथे को क्यों न पारस छुआँ दूँ।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational