मोहब्बत।
मोहब्बत।
यारों आख़िर हकीक़त में मोहब्बत क्या है,
मोहब्बत ख़ुद ही एक अमृत का प्याला है।
घूट-घूट करके पीने में ही तो असली मज़ा है,
एक घूंट में ही सारा पी लेना भी एक सज़ा है।
मोहब्बत में जिन्हें वफादारी और साथ मिले,
उनके लिए प्यार-मोहब्बत सदा एक वरदान।
मोहब्बत में जिन्हें धोखा और जुदाई ही मिले,
उनके लिए ये तो जीते-जी मरने के समान है।
सुनो ना जिनको सच्चा मिल जाता है प्यार,
उनके जीवन में तमाम उम्र बहार ही बहार।
जिन्हें मिलती बेवफ़ाई और जुदाई प्यार में,
उनके जीवन में पतझड़ का मौसम ही यार।
आनी नहीं फ़िर कभी कोई भी बसंत बहार,
दुआ करना कभी ना बिछड़े किसी का प्यार।