मोहब्बत
मोहब्बत
कभी इम्तिहान मत लेना
मेरी मोहब्बत का,
उसके लिए मेरे शब्द
सब बयान कर जायेंगे,
कभी समझना मत
मोहब्बत को,
समझ लोगे जब खुद
तुम से टकरायेगी यह,
किसी से मोहब्बत
करनी हो तो,
इस अदा से करना
कि लोग तुम्हारी मिसाल दे,
लेकिन खुद को
इतना मत डूबा देना,
कि उनकी यादें
तुम्हें तड़पा दे,
ए इश्क़ को किताबों में
क़ैद करने वालों,
तुमने इस मोहब्बत को
इतने ख़ूबसरत
अल्फ़ाज़ दिए हैं,
कि ऐसी आशिकी
उसमे ढूंढ बैठी,
पढ़ी हुई मोहब्बत
उससे कर बैठी,
जब-जब प्यार का
ज़िक्र हुआ,
उसका ही नाम
होठों पर आया,
कहानियों की तरह
मेरी मोहब्बत
दो तरफ़ा तो न थी,
लेकिन इसमें
इतनी ताक़त ज़रूर थी,
कि वो अपनी कहानी
खुद लिख बैठी।।