मोहब्बत
मोहब्बत
जब दर्द भी अच्छा लगने लगे, जब झूठ भी सच्चा लगने लगे,
जब एक पल का भी इंतजा़र अर्से सा लगने लग जाये,
जब उसकी एक झलक से बस चेहरे पर खुशीयां छा जाये,
जब बारिश की बूंदे दिल को उसका एहसास करा जाये,
जब उसके साथ खड़े होकर सारी दुनिया थम सी जाये,
जब सुबह भी उससे, शाम भी उससे,
हर बात उसी की होती हैं, बस यही मोहब्बत होती हैं.