STORYMIRROR

Minati Rath

Abstract

4.6  

Minati Rath

Abstract

मोहब्बत

मोहब्बत

1 min
280


धरती जब सावन को पुकारे

होती है बरसात

आसमान सूरज को पुकारे

तो होती है दिनरात

दिल जो दिल को पुकारे तो

होती है मुलाक़ात

दिल से दिमाग मिल जाए

तो बनती है कोइ बात

आंखें आंखों से मिल जाए

तो होती है शरारत

सांसें सांसों में घुल जाए तो

जगती है मोहब्बत ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract