मोहब्बत
मोहब्बत
धरती जब सावन को पुकारे
होती है बरसात
आसमान सूरज को पुकारे
तो होती है दिनरात
दिल जो दिल को पुकारे तो
होती है मुलाक़ात
दिल से दिमाग मिल जाए
तो बनती है कोइ बात
आंखें आंखों से मिल जाए
तो होती है शरारत
सांसें सांसों में घुल जाए तो
जगती है मोहब्बत ।