मोहब्बत करूँगा
मोहब्बत करूँगा


दरअसल मैं तुमसे मिलने नहीं आया।
मेरी मोहब्बत ने मुझे बुलाया ।
एक दिन ये गुरूर टूट जायेगा।
जब सच का चेहरा नजर आयेगा।
इश्क जुनून जब सर उठाता है।
आशिक भूख प्यास भूल जाता है।
दीवानों की तरह चक्कर लगाता है।
दीदार ए महबूब पे सुकून पाता है।
अक्सर प्यार में दिल तुट जाते है।
मंजिल तक पाने वाले कम नजर आते है।
आंखों की नमीं सूख जाती है।
भरी जवानीं में झुर्रिया दिखती है।
मयखाने में कहा दर्द भूल जाते है?
इश्क में हाल बेहाल हो जाता है।
मोहब्बत पाना आसान नहीं है।
दिल का हर पल सुनना क्या सही है?
जिंदगी फकत प्यार पाने के लिए
और भी रास्ते खुशहाल जीने के लिए ।
फिर भी मैं दर पे लौट आया।
तूने नही मोहब्बत ने बुलाया।
चाहे तू ठुकरा दे, मैं बात करता रहूँगा।
तू न मिली, फिर भी मोहब्बत करूँगा।