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Shaziya Tazeen

Romance

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Shaziya Tazeen

Romance

मोहब्बत की है

मोहब्बत की है

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पल पल तुझे चाहूं, मेरे दिल ने हसरत की है

तेरी दूरी में भी लज्जत ये किसी मोहब्बत की है

फना हो कर भी रहूँ आबाद मैं, तेरे दिल मैं सदा

मिटकर भी न मिटा पाऊँ ऐसी तेरी चाहत की है

राख् कर देगी मुझे वो चिंगारी जो मेरे दिल में लगी है

रब के जिक्र से ज़्यादा मैंने तुझसे उल्फत कि है


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