मनुहार
मनुहार
गिद्ध भोज का रिवाज
खूब चल गया आज
कलेऊ ओ गारी गीत
जेवनार कहाँ गये।
पंगत में बैठकर
बूंदी सेव दाल भात
एक और खाओ साब
मनुहार कहाँ गये?
कच्ची माटी ठोक कर
तराजू में तोल कर
भावी पीढ़ी हो तैयार
कुम्हार कहाँ गये?
हेलो हाय बाय बाय
घुटने से पड़ें पाँव
चरणों को छूने वाले
संस्कार कहाँ गये?