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Archna Goyal

Romance

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Archna Goyal

Romance

मंत्र-मुग्ध प्रेम

मंत्र-मुग्ध प्रेम

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मंत्र मुग्ध सा ताकता वो


खिलखिलाती सी लड़की को


आलिंगन का आमंत्रण दे लड़की


कभी सिकोड़ ले खुद को


मस्ता सी रही संग गोरिल्ला के


छुपाती है हाथो मे कुछ उससे


फिर चिढ़ाती ज्यों नन्ही- मुन्नी हो


क्यूँ लमफट से घूरते हो


बार बार हर बार कहती वो


नशीले नैनों से उसे उकसाती है


फिर भी टस से मस न हुआ वो


तो खिलखिला जाती लड़की वो


कोशिश उसकी जारी थी


मन ही मन मुस्काता वो


दोस्ती को बढ़ा रही थी वो


दोस्ताना अंदाज लिए


मीठी मीठी बातों से मोह रही


पर लेकिन वो तो वो है


खुद को भुला चुका था


मासूम भोली- भाली लड़की में



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