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मिली साहा

Inspirational

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मिली साहा

Inspirational

मंजिल तक है तुझे पहुंँचना

मंजिल तक है तुझे पहुंँचना

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चलते-चलते तेरे कदमों का रुक जाना

चलते-चलते तेरा यूँ लड़खड़ाना

रास ना आए जिंदगी को तेरा फिसलना

याद रख मंजिल तक है तुझे पहुंँचना


धीरे-धीरे ही सही तुझे खुद को है समझना

विश्वास खुद में है तुझको जगाना

खुद पर ऐतबार है तुझे जिंदगी को है बताना

याद रख मंजिल तक है तुझे पहुंँचना


सबसे अलग है तेरी ज़िंदगी पर नाकाम नहीं

तेरे बस में ना हो जो ऐसा कोई काम नहीं

किस्मत की बदलती चाल को जो करते नमन

कामयाबी के पन्नों से उसका मिटता नाम नहीं


समझ गया हूंँ ज़िन्दगी तेरा तराना

चलते-चलते गिरूं तो खुद है संभलना

ऐ मुसाफिर सफल हो गया तुझे समझाना

याद रख मंजिल तक है तुझे पहुंँचना


देख रहा हूंँ ज़िंदगी असर है तेरी बातों में

उम्मीद भी नजर आ रही है घोर अंँधेरी रातों में


तूने तो हर बार था मुझे समझाया

हर खता है मेरी मुझे समझ देर से आया

बार बार तुझे अब नहीं पड़ेगा कहना

याद रख मंजिल तक है तुझे पहुंँचना


मंजिल मिलेगी और देखेगा ज़माना

धीरे-धीरे ही सही अब कदम है बढ़ाना

चलते-चलते अब नहीं है लड़खड़ाना

हौसला मुझ में कब नहीं सबको है बताना


धीरे-धीरे ही सही अब कदम है बढ़ाना

याद रख मंजिल तक है तुझे पहुंँचना।


गाना - धीरे से मेरी जिंदगी में आना।








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