STORYMIRROR

Rekha Shukla

Tragedy

2  

Rekha Shukla

Tragedy

मना है

मना है

1 min
94

टच करना मना है

देखना थोड़ा मना है?


आग लगाना मना है

बूझाना थोड़ा मना है?


तेरे बग़ैर साँस मना है

ज़िंदा रहना थोड़ा मना है?


काश और ऊफ़्फ़ मना है

तो फिर मरना क्यूँ मना है?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy