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Bhawna Kukreti Pandey

Abstract Inspirational

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Bhawna Kukreti Pandey

Abstract Inspirational

मन करता है..

मन करता है..

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मन करता है,

अनचाही बच्ची ले लूँ

और पूछूँ उस जगत जननी से

लिखा क्यों जन्म तिरस्कृत उसका।


मन करता है,

कोठे पर बिकती औरत का 

तन, मन और धन चुरा लूँ,

उसको दे दूँ और फिर बोलूं

इज़्ज़त है हक उसका।


मन करता है,

जलती औरत की

चीखें और आग चुरा लूँ

और दे दूं हिम्मत

तीक्ष्ण प्रतिउत्तर का।


मन करता है,

प्रेम में बिछती

हर लड़की से कह दूं 

की करे प्रेम पहले वो स्व से, 

की यही प्रथम कर्तव्य है उसका।


मन करता है,

कभी कर दूं सब कुछ ऐसा।


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