मन को मज़बूत करना होगा
मन को मज़बूत करना होगा
कभी तपन कभी अनल में जलना होगा ,
जीवन में जरा संभल कर चलना होगा !
सिर्फ फूलों की शैय्या नहीं यह जीवन,
सहस्त्र शूलों पर नित्यप्रति चलना होगा !
प्प्रातः प्रखर सूरज की मानिंद उगना होगा ,
गोधूलि बेला व विभावरी सँग ढलना होगा !
चाहे थककर कितना क्लांत भले हो जाए तन,
मन की मज़बूती से आस के सहारे चलना होगा !
करोगे अब भला नैतिकता की बातें कब तक?
अगर सदकर्म चुना तो उसी पथ पे चलना होगा !