Uma Pathak
Classics
ममता की मूरत है
जिसकी ना कोई सूरत है
दिन ढल जाए तो लगता है
जिंदगी की सबसे बड़ी जरूरत है।
ममता का तू मान रख
इसका तू सम्मान रख
ममता तो मन की है
या ना धन की है ना तन की है।
हर ओर फेली ममता की मूरत है
जिंदगी में सभी को इसकी जरूरत है।
बच्चे
एक औरत की
नायक
गरीबी
पहला प्यार
दुर्घटना
अंतरिक्ष
प्रेम
होली
पशु पक्षी और ...
शोकमग्न अर्जुन हुए ,करुणा झरते नैन। व्याकुल मन सुनने लगा ,फिर माधव के बैन। शोकमग्न अर्जुन हुए ,करुणा झरते नैन। व्याकुल मन सुनने लगा ,फिर माधव के बैन।
पांडव जब लाक्षागृह में थे वे ज़िंदा हैं और मरे नहीं । पांडव जब लाक्षागृह में थे वे ज़िंदा हैं और मरे नहीं ।
यज्ञ प्रारम्भ करने के लिए बड़े बड़े ऋषि मुनि बैठे एकत्रित होकर । यज्ञ प्रारम्भ करने के लिए बड़े बड़े ऋषि मुनि बैठे एकत्रित होकर ।
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित शरद ऋतू आई थी व्रज में। श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित शरद ऋतू आई थी व्रज में।
बुद्धिमान पुरुष समान अजगर के उसी को खाकर ही अपना जीवन निर्वाह करे, उदासीन रहे। बुद्धिमान पुरुष समान अजगर के उसी को खाकर ही अपना जीवन निर्वाह करे, उदासीन ...
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित देवर्षि नारद के मन में. श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित देवर्षि नारद के मन में.
शांत सौम्य हो रहे थे सभी नक्षत्र, ग्रह, तारे आकाश में। शांत सौम्य हो रहे थे सभी नक्षत्र, ग्रह, तारे आकाश में।
श्री शुकदेव जी कहते हैं, अक्रूर का कृष्ण, बलराम ने सत्कार किया भली भांति । श्री शुकदेव जी कहते हैं, अक्रूर का कृष्ण, बलराम ने सत्कार किया भली भांति ।
यदि संभव हो तो महाभारत के काल में जाना चाहूंगी। यदि संभव हो तो महाभारत के काल में जाना चाहूंगी।
दूसरों का अपकार किया हुआ सह लिया जाये साधुता से ही। दूसरों का अपकार किया हुआ सह लिया जाये साधुता से ही।
दूध के साथ दाल का पानी पीता भूख लगे तो रो रो वह आता! दूध के साथ दाल का पानी पीता भूख लगे तो रो रो वह आता!
श्रीशुकदेव जी कहें, पुरुरवा के उर्वशी से छ पुत्र हुए। श्रीशुकदेव जी कहें, पुरुरवा के उर्वशी से छ पुत्र हुए।
शंखचूड मोहि इहां पठावा , दूतकर्म लगि प्रभु मै आवा । शंखचूड मोहि इहां पठावा , दूतकर्म लगि प्रभु मै आवा ।
अपनी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का अभिनय सा गंभीर प्रयास कर रहे हैं अपनी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का अभिनय सा गंभीर प्रयास कर रहे हैं
आदिपुरुष सृष्टि हैं करते पंचभूतों के द्वारा सबकी। आदिपुरुष सृष्टि हैं करते पंचभूतों के द्वारा सबकी।
आरोप कर के अन्य वस्तुओं का निषेध कर देतीं हैं उनका। आरोप कर के अन्य वस्तुओं का निषेध कर देतीं हैं उनका।
इस वंश में पुरुरवा आदि बड़े बड़े पवित्रकीर्ति राजा हुए। इस वंश में पुरुरवा आदि बड़े बड़े पवित्रकीर्ति राजा हुए।
राजा विदर्भ की पत्नी भोज्या तीन पुत्र उसके हुए थे कुश, क्रथ और रोमपाद नाम था। राजा विदर्भ की पत्नी भोज्या तीन पुत्र उसके हुए थे कुश, क्रथ और रोमपाद नाम ...
वेद ब्राह्मण इस विषय में जो कुछ कहते हैं, ठीक सब। वेद ब्राह्मण इस विषय में जो कुछ कहते हैं, ठीक सब।
एक बार योगमाया से अपनी मत्स्य अवतार धारण किया उन्होंने। एक बार योगमाया से अपनी मत्स्य अवतार धारण किया उन्होंने।