sandeep sen
Inspirational
हाथ-पांव मारकर 'मजदूर' मजदूरी पाते चार
मुश्किल है जीना इसका इस पर करो विचार
मजदूर
एक्शन लो ना ग...
मानसिक बीमारी...
आशा और गरीबी
क्रोध
रक्षा हेतु का...
पीठ पीछें उसके कुछ भी सोचे समझे किसी से कुछ कह देना ! पीठ पीछें उसके कुछ भी सोचे समझे किसी से कुछ कह देना !
शिक्षा का सम्मान यूं, कर जैसे आहार। धरा स्वर्ग सा तब लगे,जीवन सजे बहार।। शिक्षा का सम्मान यूं, कर जैसे आहार। धरा स्वर्ग सा तब लगे,जीवन सजे बहार।।
देशभक्त भारत का प्यारा, मोदी वो कहलाता। देशभक्त भारत का प्यारा, मोदी वो कहलाता।
एक बार फिर से हम दोनों, एक दूजे का हाथ थामने को रह जाएंगे। हम दोनो हैं जुदा- जुदा फिर एक बार फिर से हम दोनों, एक दूजे का हाथ थामने को रह जाएंगे। हम दोनो हैं जुदा- ...
कोई न रहे दुखारी जग में, ऐसा आदर्शवाद अपनाओ। कोई न रहे दुखारी जग में, ऐसा आदर्शवाद अपनाओ।
शिवनंदन वंदन करें, देते शुभ वरदान। कष्ट विनाशक आप हैं, रखते सबका मान।। शिवनंदन वंदन करें, देते शुभ वरदान। कष्ट विनाशक आप हैं, रखते सबका मान।।
सुहागन मॉंग रहने दो,मैं हर मुश्किल से लड़ लूँगी मुझे रोको नहीं अब तुम। सुहागन मॉंग रहने दो,मैं हर मुश्किल से लड़ लूँगी मुझे रोको नहीं अब तुम।
मां बेटी से हम सभी, सजती है परिवार। धरा नित्य सज अरु खिले,जीवन में उजियार।। मां बेटी से हम सभी, सजती है परिवार। धरा नित्य सज अरु खिले,जीवन में उजियार।।
मेरे सवाल मेरी कलम हैं, मेरी पहचान मेरी कलम हैं। मेरे सवाल मेरी कलम हैं, मेरी पहचान मेरी कलम हैं।
कहे सुने यह पावन प्रसंग जो नर , कहे सुने यह पावन प्रसंग जो नर ,
हिन्दी घर-घर में सजे,राज्य सभी में मान। हिन्दी की परचम उड़े, दुनिया में हो शान।। हिन्दी घर-घर में सजे,राज्य सभी में मान। हिन्दी की परचम उड़े, दुनिया में हो शा...
पारिवारिक मुद्दे राजनीतिक है अब, स्वार्थ में सभी लोग अंधे हो गए। पारिवारिक मुद्दे राजनीतिक है अब, स्वार्थ में सभी लोग अंधे हो गए।
रामायण गीता सनातन संस्कृति, धर्म कर्म के उपासक। रामायण गीता सनातन संस्कृति, धर्म कर्म के उपासक।
अबूझ सी अभिव्यक्ति समेटे स्वयं मेँ प्रतीक्षारत सदैव ही अविस्मरणीय सा प्रेम। अबूझ सी अभिव्यक्ति समेटे स्वयं मेँ प्रतीक्षारत सदैव ही अविस्मरणीय सा प्रेम...
बेटी जग में फूल सी, शुद्ध खिले संसार। जीवन में सौरभ भरे, गुलशन हो परिवार।। बेटी जग में फूल सी, शुद्ध खिले संसार। जीवन में सौरभ भरे, गुलशन हो परिवार।।
पर यदि ये न रहे इस अवनी पर तो मानव का भी अस्तित्व कहां, मानव का भी अस्तित्व कहां ? पर यदि ये न रहे इस अवनी पर तो मानव का भी अस्तित्व कहां, मानव का भी अस्तित्व ...
बड़े बड़े पदवी मिले, छूं लूं हम आकाश।। बड़े बड़े पदवी मिले, छूं लूं हम आकाश।।
जनहित की खातिर खुद को ये मिटवाते हैं। जनहित की खातिर खुद को ये मिटवाते हैं।
पल पल खुशियों से भर कर जीवन बगिया महकाए। पल पल खुशियों से भर कर जीवन बगिया महकाए।
ऊपर बैठा देख रहा है हर हरकत तेरी, फिर क्यों किसी से सवाल जबाब करें। ऊपर बैठा देख रहा है हर हरकत तेरी, फिर क्यों किसी से सवाल जबाब करें।