"मित्रता"
"मित्रता"
साम्प्रदायिकता पर मार दिया एक करारा चाटा
इसरार तूने मित्रता का क्या खूब निभाया वादा
गणेश मूर्ति विसर्जन में पीयूष को बचाने कूदा,
चाहे इसरार तैरना तुझे बिल्कुल भी नहीं आता
सौहार्द का फैला दिया तूने इस कदर इत्र ताजा
हर जगह दोनों की दोस्ती का चर्चा बहुत ज़्यादा
फिर आज भारत में फैला क्यों है, इतना सन्नाटा?
करो मजहब के नाम पर कभी न लड़ने का वादा
यही दोनों मित्रों को सच्ची श्रद्धांजलि का जगराता
दोनों मित्रों की सच्ची मित्रता आगे, झुकाओ माथा
उनको मारना साखी तू बहुत ही जोर से तमाचा
भाई को भाई से लड़वाने का काम करता, ज़्यादा
धर्म नाम पर लड़वाते उनका गीला हुआ है, आटा
हिंद संस्कृति है, भाई, भाई का निकालता है, कांटा
आओ सौहार्द के फूलों से महकाये, हिंद हिमाला
हिंदुस्तान को बनाये, साखी पूरे विश्व का विधाता
आपस में कभी नहीं लड़ने का करे, आओ वादा
अपनी एकता आगे, जंजीर होगी शर्मिंदा भ्राता।