मित्रता
मित्रता
क्या होती है मित्रता ?
दिनकर के शब्दों में कहें तो "मित्रता बड़ा अनमोल रतन, कब इसे तोल सकता है धन ???
सच में मित्रता बड़ा अनमोल रतन है ,जिसे जीवन में सच्चे मित्र की प्राप्ति हो जाती है ,
यकीन मानिए उससे बड़ा कोई खुशनसीब इस दुनिया में कोई नहीं !
एक सच्चा मित्र ही तो आनंद को दुगुना और दुःख को आधा कर देता है ।
वो मुझसे मिले बिना ही मेरा हाल बता देता है ।
वो हमारे मस्ती भी करता है और मोहब्बत भी !
वो सच्चा मित्र ही तो है जो हमें दुर्गुणों से बचाकर हमें एक नई दिशा देता है ।
वो हमारे ख्यालों की अपरिमित आकाश में एक सितारे के भाँति
हर दम महफूज रहता है हमारे जिंदगी के महफिल में।।