मित्र संग दिवाली
मित्र संग दिवाली
मित्र मेरे दिवाली में जान डाल दी,
एक नया ही विचार डाल दी।
विदेश से आया मेरा मित्र,
इस दिवाली पुरानी याद ताजा कर दी।
लगा ऐसे की बचपन फिर से,
वापस आ लौटी है।
खुशियों का जैसे बरसात हो रही हो,
सारा जहां ही खुशनुमा लग रहा है।
एकदम से स्वतंत्र रुप से आतिशबाजी,
जगमग चांदनी में हसी ही हसी छाई रहीं।
मानो मित्र विदेश से खुशियां हो लेकर आया हो,
ना कोई उहापोह _न कोई थकान।
सुबह से लेकर रात भर,
मस्ती ही मस्ती छाई रहीं।
लोगों में एक अचरज सा हो गया,
देख सभी नवीन अंदाज़ को चौंक गए।
एक दम निराले ढंग की सजावट,
दिवाली मनाने की अनुपम तरीका।
बड़ा मज़ा आ गया,
यह दिवाली अविस्मरणीय बन गया।